50 % HEART ATTACKS 40 साल से कम उम्र वालों को होते हैं : 5 कारण क्यों हृदय रोग अब ‘बूढ़े लोगों’ तक सीमित नहीं हैं …?

HEART ATTACKS IN INDIA

एक दशक पहले 50 से कम उम्र के किसी व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने के कारण अस्पताल में भर्ती होते देखना काफी दुर्लभ था, लेकिन हाल के वर्षों में, दिल के दौरे से पीड़ित या मरने वाले युवाओं की संख्या आसमान छू रही है। सिद्धार्थ शुक्ला (40) से लेकर सैंडलवुड अभिनेता चिरंजीवी सरजा (35) तक कई सेलेब्स का हाल के वर्षों में कार्डियक अरेस्ट से निधन हो गया , हृदय रोग अब केवल बुजुर्गों तक सीमित स्वास्थ्य स्थिति नहीं रह गई है।

HEART ATTACKS
Female doctor with a patient who is complaining of chest pain during coronavirus epidemic.

Indian Heart Health Association

इंडियन हार्ट हेल्थ एसोसिएशन (Indian Heart Health Association) के अनुसार, भारत में 50 प्रतिशत HEART ATTACKS 50 वर्ष से कम उम्र के पुरुषों में होते हैं, जबकि 25 प्रतिशत HEART ATTACKS 40 वर्ष से कम उम्र के पुरुषों में होते हैं। पुरुष महिलाओं की तुलना में थोड़ा अधिक असुरक्षित होते हैं। हृदय संबंधी रोगों के लिए।

HEART ATTACKS IN MEN

हृदय संबंधी बीमारियाँ हमारे देश में एक प्रमुख स्वास्थ्य चिंता का विषय हैं। WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार, वैश्विक स्तर पर दिल के दौरे से होने वाली 17.9 मिलियन मौतों में से लगभग पांचवां हिस्सा भारत में होता है।

तो आईए जानते हैं क्यों इतनी कम उम्र में भारतीय युवा HEART ATTACKS के शिकार हो रहे हैं

मधुमेह (Diabetes)

आपको सुनने में अजीब लगेगा लेकिन भारत को दुनिया की मधुमेह राजधानी होने का सम्मान प्राप्त है, जहां 18 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 77 मिलियन लोग मधुमेह (टाइप 2) से पीड़ित हैं। इसका अधिकांश भाग गतिहीन जीवन शैली, मसालेदार या तैलीय भोजन और मिठाइयाँ खाने आदि से बढ़ता है। जिसके कारण HEART ATTACKS का खतरा बढ़ता है

तंबाकू और अधिक शराब का सेवन

युवाओं में तंबाकू और अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने के कारण हार्ट अटैक के खतरे में वृद्धि होती है, हृदय संबंधी रोगों की बात आती है तो तम्बाकू और शराब का सेवन नियमित रूप से जिम्मेदार होता है। वर्तमान में लगभग 267 मिलियन भारतीय नियमित रूप से सिगरेट या बीड़ी पीते हैं।

अधिक मोटापा

ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज Global Burden of Disease (GBD) अध्ययन के अनुसार, मोटापे के कारण 2019 में 5.02 मिलियन लोगों की समय से पहले मृत्यु हो गई, जो उस वर्ष एचआईवी/एड्स से मरने वालों की संख्या से लगभग छह गुना है।

भारत में हर चार में से एक को वजन की समस्या है

मोटापे से शरीर में कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकती है, जो की नसों में जमा होकर दिल की सेहत को प्रभावित कर सकता है , धमनीयों में कोलेस्ट्रॉल की प्रगट्टी को बढ़ा सकता है, जिससे रक्त संचार को रोककर HEART ATTACKS का खतरा बढ़ सकता है.

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गलत जीवनशैली

अधिक बैठकर काम करना, अधिक समय तक एक ही स्थिति में रहना और व्यायाम की कमी इसका मुख्य कारण हो सकता है , अधिक तेल और अन्य अस्वस्थ आहार: अधिक तेल और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन करने के कारण हार्ट अटैक के खतरे में वृद्धि होती है

हृदय रोग से बचने का सबसे अच्छा उपाय है स्वस्थ भोजन और व्यायाम , अगर आप नियमित रूप से दिन में 60 मिनट व्यायाम करते हैं और अपने खान-पान पर नियंत्रण रखते हैं ,अधिक तला भूना न खाकर फल ,हरी सब्जियां और हाई फाइबर वाले फूड को खाते हैं , तो एक स्वस्थ जीवन जी सकते हैं और ध्यान रहे फास्ट फूड जैसे कि पिज़्ज़ा , बर्गर , मोमोज etc .. इन सभी चीजों से दूर रहें हालांकि कभी-कभी इन वस्तुओं का सेवन करने में बुराई नहीं है लेकिन नियमित रूप से इन सभी वस्तुओं को खाना आपके लिए हृदय रोग को निमंत्रण देने जैसा होगा

अधिक तनाव और दबाव

युवाओं में तनाव और दबाव की अधिकता हार्ट स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है. तनाव से मुक्त रहने के लिए सबसे अच्छा उपाय है अच्छी नींद और हर रोज थोड़ा समय निकालकर योगा करें और ध्यान करें ऐसा करने से आप तनाव से दूर रहें

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दिल का दौरा पड़ने वाले इन लक्षणों सेसे सावधान रहें

सीने में लगातार दर्द रहना.

पाचन संबंधी समस्याएं

बांहों, गर्दन या जबड़े में दर्द।

साँस की परेशानी।

अचानक गर्म और ठंडा होना।

वातानुकूलित कमरे में रहने पर भी पसीना आना।

लगातार जी मिचलाना।

Disclaimer:  The information provided in this health-related blog is for educational purposes only. It should not be considered as a substitute for professional medical advice. The content is based  on general knowledge and research but may not be applicable to individual circumstances. Before initiating any new exercise routine, dietary plan, or making significant health-related decisions, it is advisable to consult with a qualified healthcare professional. The blog does not endorse or support any specific diagnosis, treatment, product, or procedure. Every individual’s health condition is unique, and personalized advice from a healthcare provider is crucial for making informed health choices.

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